ए हवा आज मेरा इतना काम करती जा...
अ संदेस उन तक आज पोहचाती जा...
फुलो को केहना उसकी खुश्बु दे...
पेडो से केहना उसकी छाव दे...
भ्रवर से केहना उसकी गुंजन दे...
पंछी को केहना उसक कलशोर दे...
बादल से केहना उसकी गर्जन दे...
मेघधनुस से केहना उस के रंग दे...
चांदे से केहना उसकी शीतलता दे...
सुरज से केहना उसकी तेजस्वीता दे...
JAAN से केहना आतेही JN को गले लगा दे....jn